नवनिर्वाचित अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और पार्षदों द्वारा नगर विकास की शपथ लेने के बाद एक माह होने के बाद भी नहीं हुई पाई नगर परिषद की बैठक, पुराने कई प्रस्तावित कार्य अधूरे पड़े।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष उपाध्यक्ष और पार्षदों द्वारा नगर विकास की शपथ लेने के बाद एक माह होने के बाद भी नहीं हुई पाई नगर परिषद की बैठक,पुराने कई प्रस्तावित कार्य अधूरे पड़े।
रतलाम/नामली- नगरवासियों को आज वह पांच वर्षों का पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष राजेश भरावा और पांच वर्ष स्वर्गीय श्री मति सज्जन देवी भरावा और पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष नरेंद्र कुमार सोनावा का कार्यकाल याद आ रहा होगा क्योंकि इनके कार्यकाल में नगर विकास के कार्य हुएं है। कोरोनाकाल में नगर परिषद नामली प्रशासनिक व्यवस्थाओ पर निर्भर थी। उस दौरान कोरोना संक्रमण से निजात पाना सबसे महत्वपूर्ण था।नामली नगर परिषद के चुनाव हुए नगर जनता ने अपने क्षेत्र वार्डों से 15 पार्षद प्रतिनिधियों को चुना की 15 ही नवनिर्वाचित पार्षद एकजुटता दिखाकर नामली नगर में विकास के सपनों को सच करके विकास की इबादत लिखेगे। मगर ऐसा होते प्रतीत नहीं हो रहा है क्योंकि एक महीने होने के बाद भी नगर परिषद नामली के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों कि प्रथम परिषद की बैठक अभी तक सपन्न नहीं हो पाई इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि आनेवाले पांच वर्षों में कितना विकास कार्य होना है । सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है करीबन 48 विकास कार्य नगर परिषद में पूर्व परिषद के कार्यकाल के प्रस्तावित है जिसमें से एक भी विकास कार्यों को लेकर पहल नहीं हो पाईं है ।और तो और पार्षदों के आशीर्वाद (मतदान) से बने नगर परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष प्रथम छोटे सा कार्य वह भी बारिश के समय उपाध्यक्ष प्रतिनिधि कि मौजूदगी में एक दाह संस्कार पर अधिक वर्षों होने पर दाह संस्कार स्थल मुक्तिधाम में चद्दरों से पानी टकपता देखा उन्होंने तुरंत फुरंत में गिरते पानी में दाह संस्कार के समय उपस्थित लोगों के सामने चद्दर बदलवाने कि बात कहीं और जिम्मेदार से मोबाईल फोन पर चर्चा कर तुरंत बदलवाने आदेश देकर राजनीतिक कर डाली जबकि इससे पूर्व एक दाह संस्कार के समय पर भी दाह संस्कार स्थल के चद्दरों से पानी टपक रहा था और दाह संस्कार होने में उस समय बहुत परेशान हुई थी उस समय दाह संस्कार में शामिल पार्षद प्रतिनिधि और श्री निस्वार्थ मुक्तिधाम सेवा समिति के वरिष्ठ सदस्य समाजसेवी बंटी डाबी ने नगर परिषद मुख्य अधिकारी को दाह संस्कार स्थल के पूरे चद्दर बदलवाने सुचना मोबाईल फोन के माध्यम से की थी मगर उस समय पार्षद प्रतिनिधि कि किसी ने सुनीं नहीं और जब खुद दाह संस्कार में शामिल होने आएं उपाध्यक्ष प्रतिनिधि ने चद्दर बदलवाने कि बात तो कहीं मगर वहां भी लोहे के चद्दरों के टुकड़ों कि गिनती कर वहीं चद्दर बदलें गए जो ज्यादा खराब थे और जिनसे पानी टपक रहा था जिन चद्दरों को बदलने का वर्षों बाद मौका आया था उन सब को बदलना था मगर ऐसा ना करते हुएं उपाध्यक्ष,अध्यक्ष प्रतिनिधि ने राजनीति करते हुए अपनी कंजूसी मुक्तिधाम में दिखाई और मनमानी कि जबकि दाह संस्कार होने से धुएं से जिन पर चद्दर लगाएं गए वह लोहे की हिंगलें भी सड़ चुकी है उन पर ध्यान नहीं दिया गया वह तो नगर के वरिष्ठ नवनिर्वाचित पार्षदों और उनके प्रतिनिधियों ने मौके पर आकर देखा और एकजुटता होकर मुक्तिधाम में शपथ लेकर यह निर्णय लिया कि परिषद की बैठक होते ही सबसे पहले चद्दरों कि जगह पक्की छत का निर्माण किया जाएगा नगर परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का प्रथम कार्य कंजूसी वाला रहा वहीं 15 अगस्त के कारण जल्दबाजी में अध्यक्ष ने नगर परिषद का चार्ज तो ले लिया मगर शुभ मुहूर्त पर नगर विकास की शपथ लेने का कार्यक्रम नगर परिषद सभागृह में रखा गया जिसमें अध्यक्ष ,उपाध्यक्ष और पार्षदों ने नगर विकास की शपथ ली गई ।और नगर परिषद भवन से तिरंगा हाथों में लेकर अंबेडकर चौराहे तक पैदल चलकर डॉक्टर श्री भीमराव अंबेडकर को सभी ने माल्यार्पण किया उसी जगह इस दिन अंबेडकर चौराहा पर कीचड़ देखने पर भराव के लिए चुरी डाली गई जहां से फिर राजनीति शुरू हुई कि नगर के कीचड़ वाले स्थानों पर वार्डों में भराव के लिए मोरम और चुरी डाली जाए मगर इसमें इतने छोटे कार्य जो मुलभुत सुविधा से जुड़ा हुआ है उसमें राजनीतिक कि अध्यक्ष ,उपाध्यक्ष प्रतिनिधि पार्षद और पार्षद प्रतिनिधियों की नहीं सुनी और उनके हिसाब से जहां जहां समर्थन है उनके कहने पर यह कार्य किया गया जबकि नगर परिषद नामली द्वारा निलकडेश्वर महादेव मंदिर के परिसर में पानी भरा रहता है वहां ध्यान नहीं दिया गया और तो और नगर परिषद के मुक्तिधाम में भराव के लिए चुरी,मोरम को लेकर आवेदन पत्र निस्वार्थ मुक्तिधाम सेवा समिति ने दिया उसकी सुनवाई अभी तक नहीं की गई है इसके साथ जब फोरलेन रोड़ पर स्पीड ब्रेकर को लेकर बंटी डाबी द्वारा जनहित में स्पीड पोस्ट को लेकर पिछले दिनों फोरलेन रोड़ जमा किया गया था उस समय भी कुछ जनप्रतिनियों ने राजनीति करने कि कोशिश थी और फोरलेन रोड़ पर जनप्रतिनिधियों में गर्मागर्म हुई थी। कुल मिलाकर नगर विकास पर चर्चा नगर परिषद के जिम्मेदारों नहीं करते वह तो शुभ मुहूर्त के इंतजार में है बताया जा रहा है कि श्राद्धापक्ष होने के कारण विकसित कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है । नगर विकास कि शपथ लेते समय बार बार शुभ मुहूर्त का इंतजार किया गया ।और मुहूर्त के हिसाब से ही नगर परिषद भवन के चढाव का रास्ता बदला गया । सबकुछ मुहूर्त देख किया जा रहा है। एक माह होने के बाद निर्दलीय अध्यक्ष और उपाध्यक्ष कुछ खास कार्य नहीं कर पाये है अब जनता से सुना जा रहा था कि यह पांच वर्ष गड्ढे में गये । कहते है ना कि जनता के प्रति और नगर विकास के प्रति सच्ची भावनाएँ हे तो किसी भी चौकड़िये,दिशा मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं है ।विकास के शुभ मुहूर्त को लेकर नगर परिषद सीएमओ से जानकारी प्राप्त कि गई तो उन्होंने भी यही बताया कि श्राद्धपक्ष के कारण अध्यक्ष जी कोई नवीन कार्य नहीं करना चाहते हैं नवरात्रि में शायद कोई विकसित कार्य करने की रुपरेखा बने हालफिलहाल तो नहीं लगता है कि नगर विकास को लेकर सभी एकजुटता देखकर नवनिर्वाचित परिषद के सदस्यों विकास कार्य में भागीदारी निभाते हैं या नहीं अभी से ही खिचातानी होने लगी है कुछ पार्षदों की नगर परिषद में सुनीं भी नहीं जा रही है और इधर नवनिर्वाचित पार्षदों से वार्डवासी विकास की आस लगाएं बेठे है ।
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