आत्मविश्वास, मजबूत इच्छाशक्ति और बेहतर चिकित्सा व्यवस्था से जीती जंग मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज हुए 34 योद्धाओं को विधायक श्री काश्यप एवं कलेक्टर श्री डाड ने दी शुभकामनाएं
रतलाम 11 अप्रैल 2021/ मजबूत इच्छाशक्ति, आत्मविश्वास और शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय रतलाम में मिले बेहतर इलाज के कारण 34 कोरोना वायरस पेशेंट आज मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज हो गए। शहर विधायक श्री चैतन्य काश्यप, कलेक्टर श्री गोपालचंद्र डाड ने डिस्चार्ज हुए पेशेंट्स को शुभकामनाएं दी तथा विश्वास व्यक्त किया कि वे स्वयं सुरक्षित रहेंगे और अपने परिजनों तथा परिचितों से भी मास्क लगाने, पर्याप्त दूरी बनाए रखने और वैक्सीनेशन करवाने के लिए प्रेरित करेंगे। इस दौरान मेडिकल कॉलेज के प्रभारी डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता, श्री गोविंद काकानी, श्री मयूर पुरोहित, श्री नीलेश गांधी, श्री मनोज शर्मा, श्री हार्दिक मेहता, श्री संतोष बैरागी भी मौजूद थे।
बेहतर व्यवस्था ने संक्रमण से शीघ्र उबारा
कोरोना संक्रमण को पराजित करने वाले 34 योद्धाओं के चेहरे पर आत्मविश्वास की चमक देखने लायक थी। उन्होंने मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं को बेहतर बताया और अंदर चिकित्सकों द्वारा किए जा रहे हैं उपचार की प्रशंसा की।
खाचरोद के सर्वेश धाकड़ ने बताया कि वे माताजी के इलाज के लिए यहां आए थे लेकिन स्वयं भी संक्रमण का शिकार हो गए। उन्हें पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। मेडिकल कॉलेज में उन्हे बेहतर उपचार मिला। प्रशासन द्वारा जो व्यवस्था यहां पर की गई उसकी उन्होंने प्रशंसा की। मेडिकल कॉलेज के स्टाफ ने इस दौरान जो सहयोग दिया और मन में आत्मविश्वास की भावना का संचार किया इस वजह से वे इस संक्रमण से उबर पाए।
रतलाम निवासी विमल जैन ने बताया कि वे पांच दिन से मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। इन पांच दिनों के दौरान उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। यहां बेहतर उपचार मिला और चिकित्सकों का व्यवहार सकारात्मक रहा।
छह दिन से मेडिकल कॉलेज में एडमिट जयप्रकाश शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमित होने के बाद एक पल के लिए लगा था कि मन में निराशा आएगी, लेकिन मेडिकल कॉलेज में एडमिट होने के बाद यहां मिली चिकित्सकीय सहायता ने पूरी तरह संतुष्ट कर दिया। इसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई और इस व्यवस्था की वजह से ही वे छह दिन में यहां से डिस्चार्ज हो रहे हैं।
शिक्षक शिवमंगलसिंह अम्ब ने बताया कि कोरोना संक्रमण होने के बाद उन्हें यहाँ एडमिट किया गया। यहां की व्यवस्थाएं बहुत बेहतर है। चिकित्सकों द्वारा पर्याप्त इलाज किया गया और मन में एक विश्वास पैदा किया गया जिससे इस संक्रमण से वे चार दिन में ही बाहर आ गए और आज डिस्चार्ज हो रहे हैं। आज डिस्चार्ज हुए अन्य लोगों ने भी यहां की व्यवस्था के प्रति संतोष व्यक्त किया।
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