सरकारी नाले निर्माण की खुदाई में निकला सरकारी भराव (मेटिरियल) का हो रहा है कारोबार । नगर परिषद के जिम्मेदार मौन।
नामली/रतलाम मध्यप्रदेश - नगर परिषद नामली में निर्माणधीन वार्ड नंबर 1 में नाले निर्माण के दौरान खूदाई में निकला सरकारी मेटिरियल (भराव ) को नाला निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार द्वारा बेचा जाने की चर्चा जोरों पर है । सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जब से नाला निर्माण कार्य शुरू हुआ है वहां से लगाकर नगर परिषद नामली की बिल्डिंग के सामने का तक का सरकारी (भराव) मेटीरियल अभी तक ठेकेदार द्वारा बचा गया है ।जिसकी संख्या अधिक है । यह पूरा खेल अवैध गिट्टी -मुरम रेत पर चलने वाले खनिज माफिया द्वारा ठेकेदार से सस्ते दामों में विधायक निधि से निर्माणधीन नाले का मेटिरियल (भराव )खरीदकर अन्य लोगों को ऊंचे दामों बेचा जा रहा है। मगर नगर परिषद के जिम्मेदारों ने मौन धारण कर रखा है। इस विषय को लेकर जब सूत्रों से पड़ताल की गई तो एक विषय यह उभरकर सामने आया कि नगर परिषद के इस नाले निर्माण में अवैध रेत गिट्टी का भी उपयोग हो रहा है । खनिज माफिया और ठेकेदार की मिलीभगत से बिना रॉयल्टीीी रेत गिट्टी डलवाई जा रही है नगर में और ग्रामीण क्षेत्र में धड़ल्ले ट्रेक्टर- ट्रालियों रेत गिट्टी से परिवहन किया जा रहा है । मगर खनिज विभाग के पदों पर विराजमान अधिकारी छोटी मोटी कार्रवाई कर खुद अपनी पीठ थपथपा रहे हैं । पर यह मामला नगर परिषद नामली के नगर परिषद के प्रथम बार का होने वाले विकास कार्य है और सबसे खास बात यह है कि नगर परिषद अध्यक्ष श्री मती अनीता रजनीश परिहार के ख़ुद के वार्ड नंबर 1 में ऐसा हो रहा है और उन्हें ओर नगर परिषद से बाहर उनके प्रतिनिधि का कार्य देखने वाले महोदय को भी इसकी कोई जानकारी नहीं है । इसमें तर्क़ यह भी दिया जा रहा है कि जीस भी ठेकेदार द्वारा इस नाले निर्माण कार्य का ठेका लिया है वह सरकारी निर्माणधीन नाले की खुदाई में निकला सरकारी मेटिरियल (भराव) बेच सकता है। वह उसका ठेकेदार का व्यक्तित्व विषय है। ठेकेदार के पक्ष को लेकर बताया जा रहा है कि ठेकेदार द्वारा जेसीबी मशीन से जब नाले निर्माण को लेकर खुदाई कार्य करवाया जाता है तब नाले से निकला मेटिरियल (भराव)कोई भी ट्रेक्टर ट्राली लगाकर ले जा सकता है और ट्रेक्टर ट्राली वाले निर्माणधीन नाले से निकला मेटिरियल (भराव) ले जाकर ऊंचे दामों में अन्य जरूरतमंदों को बेंच रहे हैं ओर तगड़ी कमाई कर रहे हैं। और यही ट्रेक्टर ट्राली इन्हें रेत गिट्टी उपलब्ध भी करवा रहे हैं इसलिए यह खेल पिछले महीने से चल रहा है। इस विषय की जानकारी जब उभरकर सामने आई तब मुक्तिधाम में कार्य करने वाली श्री निस्वार्थ मुक्तिधाम सेवा समिति के कर्मवीर अध्यक्ष शैलेंद्र कोठारी (पत्रकार) और सदस्यों ने मुक्तिधाम के अंदर एक गड्ढे नुमा हिस्से में भराव को लेकर नगर परिषद के जिम्मेदारों से चर्चा की .खुद अध्यक्ष प्रतिनिधि ने शुक्रवार को श्मशानघाट में आकर निर्माणधीन नाले से निकल रहा मेटिरियल भराव श्मशानघाट में डालने की बात कही मगर एक भी ट्री टेटे ट्रेक्टर ट्राली मेटिरियल (भराव) का ट्रेक्टर ट्राली मुक्तिधाम में नहीं डाली गई और बिचोलियों की मदद से ट्रेक्टर ट्रालियो वालों ने मेटिरियल जरुरतमंदों को भरकर बेंच दिया है। इस विषय का खुलासा उस समय हुआं तब निस्वार्थ मुक्तिधाम सेवा समिति के कर्मवीर सदस्यों द्वारा अन्य जगह से मुक्तिधाम नामली में भराव डलवाने की योजना बनाकर नगर के चार वरिष्ठ समाजसेवियों के निजी ट्रेक्टर ट्राली लगाकर मुक्तिधाम में डालने के लिए भराव भरवाया जा था उस समय जब मुक्तिधाम विरोधी लोगों ने निस्वार्थ मुक्तिधाम सेवा समिति अध्यक्ष शैलेंद्र कोठारी को गलत शब्दों का उपयोग किया ओर कहा कि हमारे धंधों पर लात मत मारो हम मेटिरियल (भराव) खरीदकर बेंच रहे हैंं. तुम्हें क्या करना श्मशानघाट में भराव करवाकर ।और अन्य समाजसेवियों से बहसबाजी हुईं तब कहीं जाकर इस मामले का खुलासा हुआ कि सरकारी मेटिरियल (भराव) श्मशानघाट ना भेजकर ठेकेदार द्वारा बेचा जा रहा नगर परिषद के जिम्मेदारों ने आंखों पर पट्टी और कानों में रूई डाल रखी है इसलिए इन्हें कुछ नजर नहीं आ रहा है मुक्तिधाम जैसी जगह पर नामली के जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं जबकि दाह संस्कार और दाह संस्कार के समय झोली प्रथा का रुपया वसूला जा रहा है लाखों रूपए का मुक्तिधाम को लेकर गड़बड़ झाला है जिसमें प्रशासनिक कार्यकाल से लगाकर वर्तमान स्थिति के जनप्रतिनिधि भी जिम्मेदार है इन्हें नगर की जनता के सामने लाना चाहीए । यह तों सिर्फ मेटिरियल (भराव )श्मशानघाट में डलवाने का विषय है मगर आखिर मरे हुए व्यक्ति दाह संस्कार के रुपयों का हिसाब कब जनता के सामने आएगा यह बहुत बड़ा सवाल बना हुआ है?
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