Nandkishor Dading..✍️
नामली/रतलाम- श्मशान घाट का नाम आम लोगों के जहन में आने भर से लोगों मे डर और सहम जाते है भूत प्रेत का डर लगने लग जाता है । मगर नामली के मुक्तिधाम में ऐसा नहीं है यहां डर खत्म किया है श्री निस्वार्थ मुक्तिधाम सेवा समिति के सदस्यों ने जिन्होंने वर्षभर से निस्वार्थ रुप से नामली मुक्तिधाम में विकसित काम किया वहीं पिछले वर्ष अंतिम संस्कार के लिए दान में इतनी लकड़ी इकट्ठा कर रखीं थी मगर अज्ञात बदमाशों ने लकड़ी जला दी जिसकी रिपोर्ट नामली थाने में नगर परिषद ने दर्ज करवाई है । लकड़ी की कमी के कारण निस्वार्थ मुक्तिधाम सेवा समिति के दिलीप कर्णधार व शैलेन्द्र कोठारी ने शोसल मिडिया पर लकड़ी दान करने की मांग की जिसमें कई समाजसेवी सामने आये जिसमें कलोरी के चरण सिंह जाट ने दो ट्राली और नामली निवासी महेश चौहान एक ट्रेक्टर ट्राली लकड़ी और दो ट्राली लकड़ी दान प्रशासन सहयोग से प्राप्त हुई है । मुक्तिधाम के गार्डन को श्री निस्वार्थ मुक्तिधाम सेवा समिति ने सँवार रखा है गार्डन में बड़े पेड़ों की कटाई छटाई और देख रेख समिति के सदस्यों द्वारा समय समय पर कि जाती है इसलिए नगर में परियावरण पर्यावरण के रुप में इस मुक्तिधाम के गार्डन को प्राकृतिक ऑक्सीजन प्लांट आम लोगों को कहते नजर आते हैं साथ ही सुबह शाम गार्डन में घुमने सुबह की सैर करने आते है जिसमें आमलोगों का डर शमशान घाट को लेकर खत्म होने लगा है मगलवार को निस्वार्थ मुक्तिधाम सेवा समिति के वरिष्ठ सदस्य कैलाश जाट, पंडित गिरीश शर्मा,नंदकिशोर दंडिग (पत्रकार),शैलेंद्र कोठारी (पत्रकार), राकेश आडा(पत्रकार) , रामसिंह मुक्तिधाम कर्मचारी और गजेंद्र तलोदिया ने मुक्तिधाम नामली में लकड़ी गृह में लकड़ी रखवाने और गार्डन में बड़े बड़े पेड़ों की छटाई करने में श्रमदान किया है निस्वार्थ मुक्तिधाम सेवा समिति के वरिष्ठ कैलाश जाट ने बताया कि मुक्तिधाम नामली में सबसे ज्यादा फलों के पौधे है जो पेड़ बनकर फल दे रहे हैं इस वर्ष भी करीबन 12 आम के पेड़ों पर आम आये थे मगर बाउड्रीवाल नहीं होने से कच्चे आम ही आम लोगों ने पेड से तोड़ लिए मुक्तिधाम नामली में करीबन 100 आम के पौधे,50 जामून के पौधे,50 जामफल,12 सीताफल,3 चिकु,40 आवला,8 नारियल फल के पौधे है इसके साथ ही सुगंधित चंपा के 25 पौधे है,नीम, पिपल,बड,गुलमोहर,फागस पेड़ और नीम गिलाई के साथ ही बड़े पैमाने पर फूल और फल के अन्य पौधे लगा रखे है ।
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